पुणे,(टाईम न्युजलाईन नेटवर्क)। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र में बड़ी संख्या में मेडिकल कॉलेज शुरू किए जा रहे हैं। इन मेडिकल कॉलेज से छात्रों को प्रवेश मिल रहा है। केंद्र सरकार ने मेडिकल कॉलेजों की सीटों की संख्या में एक हजार की बढ़ोतरी कर दी है। इस तरह अगले दो से तीन वर्षों में राज्य के मेडिकल कॉलेजों मे बड़ी संख्या में छात्रों कोअॅडमिशन मिलेगा और इसके परिणाम स्वरूप राज्य में बड़ी संख्या में डॉक्टर उपलब्ध रहेंगे और जनता को बेहतर स्वास्थ सेवा का लाभ मिलेगा।
इस अवसर पर सरकारी मेडिकल कॉलेज, बारामती (जिला पुणे) का नये भवन का ई-लोकार्पण और मेडिकल कॉलेज के पहले ब्लॉक का ई-शुभारंभ किया गया। इसके अलावा जलगांव के पंडित दीनदयाल उपाध्याय सरकार एकीकृत चिकित्सा शिक्षा परिसर में सरकारी मेडिकल कॉलेज का ई-भूमिपूजन, मुंबई के जे.जे.अस्पताल में सरकारी अतिविशेष उपचार इमारतका ई- भूमिपूजन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाथों विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए किया गया। इस मौक़े पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन, राजस्व मंत्री और पुणे जिले के पालक मंत्री चंद्रकांत पाटिल, राज्य मंत्री संजय (बाला) भेगडे, पूर्व मंत्री दिलीप कांबले, संजय काकडे,लोकसभा सदस्य गिरीश बापट, पुणे की मेयर मुक्ता तिलक,विधायक माधुरी मिसाल, विधायक मेधा कुलकर्णी, विधायक जगदीश मुलिक और पूर्व मंत्री हर्षवर्धन पाटिल उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरुआत शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन ने किया। उन्होंने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि जेजे अस्पताल के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के निर्माण के लिए1200 करोड़ उपलब्ध कराए जा रहे हैं। शिक्षा मंत्री ने बताया कि बारामती में मेडिकल कॉलेज शुरू करने की मंज़ूरी 2014 में दी दी गई थी और इसके लिए 500 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए थे। उस मेडिकल कॉलेज में एडमिशन शुरू हो गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में 7 और नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। राज्य सरकार की ओर से कुल 35 नए मेडिकल कॉलेज खोलने के प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे गए हैं।
श्री महाजन ने बताया कि राज्य सरकार ने जलगांव में2017 में चिकित्सा, दंत चिकित्सा, आयुर्वेदिक, होम्योपैथी और फिजियोथेरेपी की शिक्षा देने वाले कॉलेजों को शुरू करके एक सरकारी एकीकृत चिकित्सा शिक्षा पैकेज की स्थापना को मंजूरी दी है। एक छत के नीचे विभिन्न प्रकार के चिकित्सा उपचार उपलब्ध कराने वाला यह राज्य में पहला प्रयोग है। इस परिसर के निर्माण से आधुनिक और प्राचीन चिकित्सा पद्धति में अंतःविषय अनुसंधान को गति मिलेगी।
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